Feb - 01
2020
2020
संस्कृत श्लोक
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स्वभावो नोपदेशेन शक्यते कर्तुमन्यथा !सुतप्तमपि पानीयं पुनर्गच्छति शीतताम् !!
स्वभावो नोपदेशेन शक्यते कर्तुमन्यथा !सुतप्तमपि पानीयं पुनर्गच्छति शीतताम् !!
आत्मा पुराने शरीर को वैसे ही छोड़ देती है, जैसे मनुष्य पुराने कपड़ों को उतार कर नए कपड़े धारण कर लेता है।